संपादकीय

छात्राओं का सुयश

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एज्युकेशन ने मंगलवार को कक्षा 10 वीं का रिजल्ट घोषित किया. इसी तरह महाराष्ट्र में भी कक्षा 12 वीं का परीक्षाफल घोषित हुआ है. इन परीक्षाओं में छात्राओं ने बाजी मारी है. इससे पूर्व भी अनेक परीक्षाओं में छात्राओं ने अपनी योग्यता का परिचय दिया है. निश्चय ही यह उपलब्धि काफी मायने रखती है. वर्तमान नीतियों में जिस तरह सकारात्मक परिवर्तन हो रहे है. उसका ही परिणाम है कि कन्याओं का आत्मबल बढाए. बेटी बचाओं, बेटी पढाओं का नारा अब लोग अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप में अंगीकार कर रहे है. यहीं कारण है कि अनेक पालक चाहे वे शहरी हो या ग्रामीण, अपनी पुत्रियों को शिक्षित करने की दिशा में सक्रिय है.
निश्चित रूप से यह सोच सकारात्मक होने के कारण इसके परिणाम भी सकारात्मक आ रहे है. आरंभिक दौर में 1-2 परीक्षाओं में छात्राए अपना हुनर दिखा पाती थी. लेकिन अब लगभग सभी परीक्षाओं में छात्राओं ने अपनी योग्यता का परिचय देना आरंभ कर दिया है. पालको एवं समाज को चाहिए कि वे छात्राओं की इस उपलब्धि का सम्मान करे. ताकि उन्हें व्यापक प्रोत्साहन मिले तथा वे अपनी शिक्षा के प्रति और सजग हो. इससे न केवल छात्राओं का भविष्य बनेगा बल्कि राष्ट्र की सफलता मेें भी एक सहयोग होगा.

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