संपादकीय

देश का गौरव भारतीय सेना

आज सारा देश चैन की नींद सिर्फ इसलिए सो पाता है, क्योंकि उनकी रक्षा के लिए देश की सीमाओं पर भारतीय सेना के जवान तैनात है, जो हर गतिविधियों पर नजर रखे हुए है. फिर चाहे घुसपैठियों के मंसुबों को विफल करना हो या फिर दुष्मन के हरकतों पर ध्यान रखना हो. हर दृष्टि से भारतीय सेना के जवान सक्षम है. यही कारण है कि, आज देशवासियों को अपनी सेना पर ना केवल पूरा विश्वास है बल्कि उन्हें गौरव भी है कि भारत के जवान आज हर चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सक्षम है. आजादी के बाद से ही भारत ने अपनी विकास यात्रा आरंभ की. अनेक कठिनाईयों के बावजूद देश ने अनेक नये मापदंड स्थापित किये है. देश को स्वावलंबी बनाने के लिए हर किसी का इसमें योगदान रहा है. आज स्थिति यह है कि, भारत एक विकसनशील देश के श्रेणी में पहुंच गया है. भारत की यह विकास यात्रा पडौसी मुल्को को रास नहीं आ रही है. यही कारण है कि, भारत पर अब तक चीन एवं पाकिस्तान की ओर से अनेक आक्रमण किये गये है. लेकिन भारतीय सेना ने अपनी जाबाजी का परिचय देते हुए दुष्मनों के दातों को हर बार खट्टा किया. हर बार दुष्मनों को मूंह की खानी पडी. निश्चित रुप से यह देश के जवानों की बहादूरी तो है ही, लेकिन इससे भी बडा उनका राष्ट्रभक्ति का जज्बा है. सेना का हरदम महत्व रहा है. यही कारण है कि, पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया. इसके पीछे एकमात्र उद्देश्य देशवासियों जवानों एवं किसानों के प्रति आत्मसम्मान का भाव रहना चाहिए. देश के जवानों ने भी देश के वरिष्ठ नेताओं के विश्वास को कायम रखा. आज भी अनेक विषम परिस्थितियों में देश के सुरक्षा में देश के जवान डटे हुए है.
आमतौर पर सेना का कार्य देश के रक्षा करना है, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने इसके अलावा भी राष्ट्रहित में अनेक कार्य किये है. देश के कही भी बाढ आने पर सेना के जवानों ने बाढ पीडितों की सहायता की. पानी में फंसे हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. कई बार तो भीषण बाढ रहने के कारण जवानों का फंसे लोगों को बचाने में ऐडी चोटी का जोर लगाना पडा. लेकिन सेना के जवानों ने हर किसी को बचाकर यह दिखा दिया है कि, वर्दी के भीतर भी एक मानवीय मन सेना के जवानों के पास है. कारगील युद्ध के समय अनेक घुसपैठियों ने देश में घुसपैठ कर ली थी. लेकिन भारत के सैनिकों ने खदेड दिया. आज सेना की स्थापना का दिवस है, यह बात केवल सैनिकों के लिए है गौरवपूर्ण नहीं है, बल्कि देशवासियों के लिए भी गौरव का क्षण है. इसी तरह आगजनी, दंगे की स्थिति में भी सेना के जवानों ने अपनी बहादूरी का परिचय दिया है. साथ ही जो लोग देश की संपत्ति को क्षति पहुंचाते है. उन्हें भी सबक सिखाया. सेना दिवस होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री व अन्य गणमान्य नेताओं ने सैनिकों को बधाईयां दी है. निश्चित रुप से सेना के प्रति देश के हर नागरिक को अभिमान है.
वर्तमान सरकार ने रक्षा बजट में भरपूर निधि रखकर सेना के जवानों का मनोबल बढाया है. अब तक रक्षा बजट के उतनी प्राथमिकता नहीं दी गई, जितनी की कुछ वर्षों में दी जा रही है. भारत के पास आज अनेक स्वदेशीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक के युद्ध संसाधन जमा कर लिये है. भारतीय सेना आज किसी की भी मोहताज नहीं है व हर स्थिति से संघर्ष करने को तत्पर है. देश की रक्षा के लिए सेना के जवान कार्यरत है तथा देश की सेवा में वे समर्पित है. निश्चित रुप से भारत के सक्षम जवानों के कारण आज देश की सुरक्षा कायम है. नागरिकों का भी फर्ज है कि, वे सेना के जवानों के प्रति न केवल आदरभाव रखे बल्कि कोई सैन्य परिवार का सदस्य किसी संकट में है तो वह उसे बचाने का प्रयास भी करें. कुलमिलाकर देश में सैनिकों ने अपनी योग्यता का हरदम परिचय दिया है. कुछ तत्व है जो सैनिकों की कार्रवाईयों पर भी संदेह करते है लेकिन इनकी संख्या सीमित है. समाजमन कभी भी ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करता. देशवासी जानते है कि, भारतीय सेना ने हरदम देश की सुरक्षा में अपने आपकों समर्पित किया है. इसलिए हर किसी को सेना के प्रति अभिमान है. सैन्य दिवस के उपलक्ष्य में दै. अमरावती मंडल की ओर से देश के सैनिकों को हार्दिक बधाई.

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