संकट में पर्यटन
कोविड-१९ के संक्रमण से बचाव के लिए मार्च माह से आरंभ हुए लॉकडाउन तथा उसके बाद आरंभ हुई अनलॉक प्रक्रिया के बाद भी आज पर्यटन व्यवसाय संकट में पाया जा रहा है. सरकार ने भले ही ताजमहल का पर्यटन आरंभ किया है. सीमित संख्या में पर्यटक ताजमहल को भेंट दे सकेंगे. लेकिन अन्य पर्यटन स्थलों पर अभी अनेक पाबंदियां कायम है. जिसके चलते पर्यटक अपने पर्यटन की रुप रेखा नहीं बना पा रहा है. हालांकि लॉकडाउन व अनलॉक प्रक्रिया के बीच अनेक व्यवसायों को नुकसान हुआ है. उसे पर्यटन उद्योग भी शामिल है. विशेष कर इस उद्योग से हजारों लोग जुडे हुए थे. जिनके सामने अब रोजगार का संकट निर्माण हो गया है. पर्यटन उद्योग में पर्यटक, उसके पर्यटन का पैकेज बुक करने वाले प्रतिष्ठान, पर्यटन स्थल पर लगने वाली दुकानें, पर्यटकों को मार्गदर्शन करनेवाले गाईड आदि इन दिनों रोजगार से वंचित है. हर वर्ष सितंबर माह से विभिन्न क्षेत्र के पर्यटन के लिए बुqकग आरंभ हो जाती थी. अनेक प्रतिष्ठान इस बारे में पर्यटकों के लिए विशेष छूट का प्रबंध करते थे. लेकिन कोरोना का संक्रमण अभी भी तीव्र गति से जारी है. परिणाम स्वरुप पर्यटन की हिम्मत कोई पर्यटक नहीं कर पा रहा है.
हर वर्ष होने वाला इंटरनैशनल व डोमेस्टिक पर्यटन इस वर्ष बूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. अधिकांश क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन होने के कारण वहां भी पर्यटकों की संख्या सीमित है. क्योकि अनेक धार्मिक स्थल आज भी पूरी तरह से खुल नहीं पाये है. जिसके कारण वहां के पर्यटन उद्योग से जुडे फल-फुल, पुजा साहित्य की विक्री करने वाले विक्रेता भी रोजगार से वंचित है. ऐसी हालत में पर्यटन उद्योग को फिर से बढावा दिया जाना अतिआवश्यक है. पर्यटन उद्योग में अनेक बालक से लेकर वृद्ध तक की आजीविका जुडी है. लेकिन इस उद्योग के बंद रहने से उद्योग को भारी संकट का सामना करना पड रहा है. लॉकडाउन के कारण अनेक लोगों की मानसिकता भी प्रभावित हुई है. वे चाहते है कि, किसी क्षेत्र का भ्रमण करें, लेकिन विगत कई दिनों से रेलवे व बस सेवा बंद है. हालांकि कुछ रेलगाडियों को अनुमति दी गई है. तथा उनका परिवहन भी आरंभ हो गया है. लेकिन इसका लाभ पर्यटन उद्योग को नहीं मिल पा रहा है. कोरोना मरीजों की बढती संख्या देखकर अनेक प्रतिष्ठान इस संभ्रम में है कि, भविष्य फिर से लॉकडाउन की स्थिति निर्मित न हो. इसलिए वे खुलकर बुqकग भी नहीं कर पा रहे है. इसका असर उनके व्यवसाय पर हो रहा है.
आज पर्यटन उद्योग से अनेक लोग जुडे हुए है. अनेक प्रांतों का कारोबार पर्यटन से ही चलता है. ऐसे में कोरोना संकट का ग्रहण उनके पर्यटन उद्योग को प्रभावित कर रहा है. जरुरी है कि, अनलॉक प्रक्रिया आरंभ करते समय सभी उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए योग्य नितिया तय की जाये. पर्यटन क्षेत्र में अनेक स्थल धार्मिक कारणों से महत्व रखते है. लेकिन अभी महाराष्ट्र सहित कुछ प्रांतों में धार्मिक स्थलों को लोगों को लिए आरंभ नहीं किया गया है. परिणाम स्वरुप इन क्षेत्रों का भी पर्यटन प्रभावित हुआ है. अनेक पर्यटन कंपनियां इन दिनों नुकसान में चल रही है. जिस तरह सभी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की ओर से योग्य सहायता दी जा रही है. उसी तरह पर्यटन को भी बढावा देने के लिए कदम उठाये जाना चाहिए. वर्तमान में कोरोना की स्थिति तीव्र हो गई है. रोजाना ५० हजार से अधिक संक्रमित पूरे देशभर में पाये जा रहे है. जिसमें अनेक लोगों की मृत्यु भी हो रही है. सरकार की ओर से जारी प्रयासों के चलते अनेक लोग उपचार के बाद अपने घरों पर पहुंच पाये है. बावजूद उसके कोरोना का संकट अभी टला नहीं है.
इस संकट से बचाव के लिए सरकारी स्थर पर अनेक प्रयत्न किये जा रहे है. पर्यटन यह क्षेत्र काफी संवेदनशील है. क्योकि पर्यटक किसी नये क्षेत्र में जाता है. वहीं की सांस्कृतिक जानकारी के लिए उसका अनेक लोगों से संपर्क भी आता है. परिणाम स्वरुप संक्रमण का खतरा अधिक रहता है. इस हालत में जरुरी है कि, पर्यटन क्षेत्र में जो कंपनियां पर्यटकों का पैकेज बुक करती है, वे पर्यटकों की सुरक्षा की भी गारंटी ले, यदि वे ऐसा कर सकते है तो निश्चित रुप से पर्यटन उद्योग को दिशा मिल सकती है. कुलमिलाकर पर्यटन उद्योग का कार्य अभी थमा रहने के कारण यह उद्योग संकट में आ गया है. ऐसे में सरकार को इस उद्योग के बारे में भी सोचना चाहिए. पर्यटन यह अनेक प्रांतों का आधार है. इसलिए जरुरी है कि, इस उद्योग के जतन के लिए योग्य प्रयास किये जाये.