संपादकीय

टीकाकरण को लेकर उत्साह

गुरूवार, 1 अप्रैल से 45 वर्ष आयु से अधिक के नागरिको को टीका दिए जाने का उपक्रम आरंभ किया गया है. टीकाकरण को लेकर पहले दिन से ही लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है. अनेक स्थानों पर टीकाकरण के लिए लोगों की भीड़ नजर आयी. जाहीर है हर कोई कोरोना संक्रमण से अपना बचाव करना चाहता है. इसके चलते यह जरूरी है कि सभी नागरिक स्वयंस्फूर्त होकर टीकाकरण का लाभ ले. लोगों का उत्साह देखते हुए प्रशासन को भी चाहिए कि वे अधिकाधिक टीकाकरण के लिए केन्द्र की स्थापना करे ताकि इसका लाभ हर किसी को मिल सके.
हाल ही में आयी रिपोर्ट के अनुसार 20 वर्ष की आयु तक के अनेक लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में है. इसमें बालको का भी समावेश है. जिसके चलते सभी आयु के लोगों के लिए यह टीका उपलब्ध कराया जाना चाहिए. लोगों को टीकाकरण में शामिल कर लिया जाए तो कोरोना के संक्रमण को कमजोर किया जा सकता है. इसके लिए सभी वर्ग के लोगों को टीका दिया जाना आवश्यक है. यह सब तभी संभव हो पायेगा जब प्रशासन की ओर से टीकाकरण केन्द्र बढ़ाए जाए. इससे नागरिको को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. वर्तमान में टीकाकरण केन्द्रों मे लोगों की भीड़ उमड़ रही है. इससे अनेक लोग टीका से वंचित रह सकते है. हालाकि सरकार ने टीकाकरण लोगों के लिए सहजतापूर्वक हो. इसलिए केन्द्र अधिक बढ़ाए जाने चाहिए.हालाकि आज भी अनेक लोगों के मन में टीकाकरण को लेकर कुछ संदेह है. लेकिन लोग इस बात पर सहमत भी हो रहे है कि टीका रहने के बाद उन पर कोरोना का सीधा आक्रमण नहीं हो पायेगा. लोग टीका लेकर अपने आपको सुरक्षित बना रहे है. प्रशासन की ओर से टीका लेने के बाद कोई भी बीमारी के सीधे आक्रमण से बचा जा सकता है. इसलिए वैक्सिन लेना जरूरी है. भले ही कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा किसी भी अभियान को गति न मिले यह मानसिकता रहती है. टीकाकरण अभियान को लेकर भी इस तरह के कार्य हुए है. आरंभ में टीके की गुणवत्ता को लेकर अनेक भ्रामक बातें फैलाई गई. लेकिन लोगों ने टीका लेकर यह साबित कर दिया है कि उनकी आंतरिक शक्ति बढ़ गई है. कोरोना से निपटने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हर कोई अपना मनोबल व आंतरिक शक्ति बढ़ाने के लिए कार्य करे. खान-पान से लेकर निद्रा तक की सभी बातों पर ध्यान रखना होगा. यदि ऐसा किया जाता है तो निश्चित रूप से शरीर में किसी भी किटाणू का प्रवेश नहीं हो पायेगा. इसलिए लोगों में आंतरिक शक्ति बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते है. जिसकी जानकारी सहजतापूर्वक दी जानी चाहिए. इससे अनेक लोगों का आत्मबल बढ़ेगा. पाया गया है कि बीमारी से ज्यादा लोगों का मनोबल ही कमजोर हो जाता है. जिसके कारण योग्य उपचार नहीं हो पाता.
टीकाकरण अभियान के लिए सभी को एक दूसरे को प्रोत्साहित करना है. नागरिको में टीकाकरण के लाभ लेकर विशेष जनजागृति की जानी चाहिए. जिस रूप में बीमारी का भय दिखाया जा रहा है उसी रूप में टीकाकरण कितना कारगर साबित हो सकता है इस बात की जानकारी भी लोगों तक पहुंचनी चाहिए. टीकाकरण के माध्यम से बीमारी पर मात करना संभव है. अब बालको में भी कोरोना का संक्रमण पाया जा रहा है. इसके चलते टीका के लिए उम्र का बंधन न रखा जाए. हर किसी को टीका उपलब्ध हो इस द़ृष्टि से कार्य किया जाना चाहिए. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अब तक अनेक उपाय किए गये. जिसमेें लॉकडाउन, जमावबंदी आदि अभियान चलाये गये. लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया. अत: वैक्सीन ही अब इस बीमारी का उच्चाटन कर सकती है. इसलिए वैक्सिन उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए व हर किसी को वैक्सिन उपलब्ध हो. ऐसे कदम उठाए जाना चाहिए.
कुल मिलाकर कोरोना का संक्रमण जिस तेजी से बढ़ रहा है उसे देखते हुए वैक्सिन ही एकमात्र कारगर उपाय है. वैक्सिन का उपयोग ज्यादा-ज्यादा हो सके इस बात पर ध्यान देना आवश्यक हो गया है. अभी तक केवल तीसरे चरण की वैक्सीन आरंभ हुई है. इसमें 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका दिया जा रहा है. लोगों का भी प्रतिसाद मिल रहा है. जरूरी है कि अब यह टीका हर किसी के लिए उपलब्ध कराया गया ताकि हर किसी को इसका लाभ मिले व कोरोना का संकट दूर हो सके. इसके लिए टीकाकरण के अधिकाधिक केन्द्र को आरंभ करना जरूरी हो गया है. वरिष्ठ नागरिको को उनके परिसर के निकट ही व्यवस्था की जानी चाहिए. 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों ने स्वयंस्फूर्त होकर टीका लेना चाहिए. सरकार का भी दायित्व है कि वह इस टीके के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराए. सेवाभावी संस्थाओं की इस कार्य में मदद ली जा सकती है. जरूरी है कि इन सब बातों पर तत्काल अमल किया जाए.

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