अब तो जागो
कोरोना के संकट से मुक्त होने की प्रक्रिया जारी रहने के चलते बार-बार इस बात का लोगों को एहसास दिलाया जाता रहा है कि कोरोना का संकट भले ही कम हुआ है लेकिन समाप्त नहीं हुआ है. इसलिए नागरिक कोरोना से बचाव के लिए त्रिसूत्री का पालन करे. क्योंकि हर दवा का एक गुणधर्म होता है. कई बार चिकित्सक मरीज की बीमारी को देखते हुए 5 दिन की दवाईयां लिखकर देेते है. दो दिन की दवा में ही मरीज अच्छा हो जाता है तथा आगे के तीन दिन की दवा वह नहीं लेता परिणामस्वरूप बीमारी का संक्रमण फिर से होने लगता है. दवाई अपना पूरा असर तब ही दिखाती है जब उसका कोर्स पूरा किया गया हो. अधूरा कोर्स कभी भी घातक हो सकता है. इसी तरह कोरोना का पूरी तरह सफाया होना बाकी रहने के बावजुद लोगों ने मनमाने ढंग से अपना कार्य आरंभ कर दिया था. जिसका असर निश्चित रूप से बीमारियों के बढते स्वरूप में सामने आने लगा है. यदि आरंभ से ही मास्क का इस्तेमाल करना, नियमित हाथ धोना व सूर्य नमस्कार आदि व्यायाम पर ध्यान दिया जाता तो निश्चित रूप से इस बीमारी से बचा जा सकता था. लेकिन बीते कुछ काल में लोग मनमाने ढंग से मास्क न पहनकर सार्वजनिक स्थानों पर घूमने लगे थे. जिसका असर उन्हें नये रूप से दिखाई देने लगा है. आज स्थिति यह है कि प्रशासन को शनिवार की रात से सोमवार की सुबह तक लॉकडाउन किया है. हालाकि सरकार इससे पहले कई बार लोगों को सचेत कर चुकी है कि वे कोरोना प्रतिबंध के नियमों का पालन करे. लेकिन जनसामान्य ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. बीच मेें कोरोना के ईलाज के रूप में वैक्सीन आने की खबर मिलते ही लोगों में उत्साह बढ गया था. लेकिन यह उत्साह ज्यादा दिन तक नहीं कायम रहा. फरवरी माह में कोरोना संक्रमण ने अपनी तीव्रता दिखानी आरंभ कर दी. गुरूवार को अमरावती जिले में 597 कोरोना संक्रमित पाए गये. यह आंकडा रोजाना बढ रहा है. इससे अब शहरवासियों को चिंता होने लगी है. खासकर लॉकडाउन की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है. जिला प्रशासन ने शनिवार की रात 8 बजे से सोमवार की सुबह 8 बजे तक कर्फ्यू लगाया है.
कोरोना का संंक्रमण तीव्र होता देख जिला प्रशासन ने अनेक कडे निर्णय ले लिए है. जिसके चलते अब सारे प्रतिष्ठान रात 8 बजे तक अपने सारे व्यवहार पूर्ण करने होंगे. 8 बजे के बाद सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. हालाकि इस लॉकडाउन में कई बार नागरिक सरकारी आदेशों की अवहेलना कर देते है, ऐसे में उन्हें जुर्माने का खामियाजा भुगतना पडता है. बहरहाल यह प्रशासन ने जो निर्णय लिया है वह कोरोना की द़ृष्टि से उपयोगी साबित होगा. सरकार को भी चाहिए कि जब तक कोई बीमारी कायम है ढिलाई न दी जाए. अनेक लोग जो मनमानी कर रहे है उन पर अंकुश लगाया जा सके. बेशक लॉकडाउन से कुछ लोगोें की रोजी रोटी पर असर पडता है. लेकिन बीमारी से बचाव के लिए इन नियमों का पालन करना जरूरी है.
कोरोना संक्रमण के दौरान एक बात यह भी सामने आ गई थी कि लोग अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने लगे थे. अनेक लोगों ने आयुर्वेदिक काढा पीना आरंभ कर दिया था. इससे बीमारी में कमी आने लगी थी. लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण कोरोना पर प्रतिबंध के अनेक मापदंडों को हाशिये पर ला दिया गया था. यही कारण है कि धीरे-धीरे लोगों के मन का डर निकलने लग था. अब चूकि अमरावती में संक्रमण का दौर कुछ दिनों तक कायम रहेगा. इसके लिए आवश्यक सावधानियों को बरतना होगा. इससे बीमारी पर न केवल नियंत्रण पाया जा सकता है बल्कि लोगों को भी स्वास्थ्य होने का अवसर मिलता रहा . कुल मिलाकर बीमारी से बचाव के लिए अब सभी को जागना जरूरी है अन्यथा स्थिति इससे भी बदतर हो सकती है. अत: लोग संक्रमण की गंभीरता को समझे व अपने स्वास्थ्य के बचाव के लिए सभी मापदंडो का पालन करे.