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दिनेश बुब के प्राचारार्थ सामने आए अल्पसंख्य जनप्रतिनिधि

पूर्व नगराध्यक्ष अब्दुल रहेमान और हाजी रफीक सेठ ने किया प्रचार

अमरावती/दि.25- अमरावती लोकसभा चुनाव के प्रचार के भोंगे बंद हो चुके है. मगर अब गुप्त बैठक के मार्फत से मतदाताओं को लुभाने का कार्य जारी है. वही कल 24 अप्रैल को हुई अंतिम प्रचार सभाओं में नेताओं की गरजती आवाज से मतदाताओं को इस त्रिकोणिय मुकाबले में किसे वोंट देना है, किसे नहीं यह समझ नहीं आ रहा है. ऐसे में अंतिम चुनावी प्रचार सभा में प्रहार जनशक्ति संगठन की ओर से अल्पसंख्यक जनप्रतिनिधियों के सामने आने के बाद यह मुकाबला और भी रोचक हो चुका है. कल प्रहार की हुई अंतिम सभा में चांदुर बाजार के पूर्व नगराध्यक्ष अब्दुल रहमान सहित अचलपुर के पूर्व नगराध्यक्ष हाजी रफीक सेठ ने भी खुल कर प्रचार किया. वहीं उपस्थितों सहित जिले के नागरिकों से प्रहार के उम्मीदवार दिनेश बुब के लिए वोंट मांगा. वही इस अंतिम सभा में विधायक बच्चु कडु ने भी दिनेश बुब के प्राचारार्थ आने वाले जिले के अल्पसंख्यक नेताओं की तारीफ के पूल बांधे.

मैरिट पर आएगी सिटी- अब्दुल रहेमान
चांदुर बाजार के पूर्व नगराध्यक्ष अब्दुल रहेमान ने अपना भाषण शायराना अंदाज में शुरू करते हुए कहा कि ये कैसी पाबंदी है, सुखन तेरे मेरे बीच में, बात करने को तरसती है जुब मेरी.. उन्होनें कम सयम रहने से अपने छोटे से भाषण के दौरान जमा भीड को देख कर आश्चर्य करते हुए कहा कि आज आपकों देखकर साबित हो गया है कि सिटी 1 नंबर पर नहीं बल्कि पुरे मैरिट लिस्ट में आएगीं और दुसरी पार्टियोें के उम्मीदवार यह कोशिश में लगे हुए है कि वह दुसरे नंबर पर कैसे आए. प्रहार और बच्चु कडु मटन और दारू के बल पर वोंट नहीं मांगते बल्कि अपने कामों के भरोसे वोंट मांगते है. अब्दुल रहमान ने अपने भाषण का समापन भी शायराना अंदाज में किया.

सारा गणित बच्चू कडु और प्रहार के फेवर में- हाजी रफीक सेठ
अपने भाषण के दौरान अचलपुर के पूर्व नगराध्यक्ष हाजी रफीक सेठ ने कहा कि मैंने 25 साल की राजनिती में 20 साल बच्चु कडु का साथ नहीं दिया. मगर जब हमनें बैठ कर गणित निकाला तो सारा गणित बच्चु कडु और प्रहार के उम्मीदवार के पक्ष में जा रहा है. मैने राहुल गांधी की सभा को महत्व न देकर इस सभा में गरीबो की मदद करने वालों के साथ बैठने को पसंद किया. उन्होनें कहा कि अगर बच्चू कडु के विकासों को लिखा जाए तो 200 पन्नों की किताब भी कम पडेगी. हाजी रफीक सेठ ने भी अपने भाषण का समापन शायराना अंदाज में किया.

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